"ऐसा मत सोचो कि तुम सब को हर समय क्रोध से मुक्त होना चाहिये। ज़रूरत पड़ने पर क्रोध को एक औज़ार की तरह प्रयोग करो। मैं ऐसा करने का प्रयत्न करता था, पर बहुत सफल नहीं रहा। कभी कभी मैं अपना क्रोध
दिखाने का प्रयत्न करता हूं, पर इससे कोई फ़ायदा नहीं होता क्योंकि मुझे जल्दी ही हंसी आ जाती है और बाकी सब लोग भी साथ में हंसने लगते हैं। लोग विश्वास ही नहीं करते कि मैं गुस्सा हूं।
पर, कभी कभी क्रोध अच्छा होता है। ख़ासतौर पर जब दुनिया में भ्रष्टाचार है, अन्याय है, और हर तरह के लोग हैं जो हर तरह के ग़लत काम करते हैं और तुम्हारा फ़ायदा उठाते हैं। ऐसी स्थिति में ये आवश्यक है कि तुम थोड़ा भंवों को चढ़ाओ, गुस्सा दिखाओ, ये अच्छा रहेगा।
पर ये ख़्याल रखना कि तुम गुस्सा दिखाओ पर उसे अपने हृदय में मत उतारो, परेशान मत हो।"
-- श्री श्री रविशंकर जी
दिखाने का प्रयत्न करता हूं, पर इससे कोई फ़ायदा नहीं होता क्योंकि मुझे जल्दी ही हंसी आ जाती है और बाकी सब लोग भी साथ में हंसने लगते हैं। लोग विश्वास ही नहीं करते कि मैं गुस्सा हूं।
पर, कभी कभी क्रोध अच्छा होता है। ख़ासतौर पर जब दुनिया में भ्रष्टाचार है, अन्याय है, और हर तरह के लोग हैं जो हर तरह के ग़लत काम करते हैं और तुम्हारा फ़ायदा उठाते हैं। ऐसी स्थिति में ये आवश्यक है कि तुम थोड़ा भंवों को चढ़ाओ, गुस्सा दिखाओ, ये अच्छा रहेगा।
पर ये ख़्याल रखना कि तुम गुस्सा दिखाओ पर उसे अपने हृदय में मत उतारो, परेशान मत हो।"
-- श्री श्री रविशंकर जी
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