प्रश्न : अधूरी इच्छाओं का क्या करें? सारी जिंदगी यही इच्छा रही कि रिश्तों में कामयाबी मिले, और यह इच्छा पूरी नहीं हुई| जैसे जैसे समय बीत रहा है, मैं निराश हो रहा हूँ, पछतावा महसूस कर रहा हूँ, और मेरी ऊर्जा खत्म होती जा रही है| मैं इन इच्छाओं को कैसे पूरा करूँ, और उन्हें कैसे जाने दूं?
श्री श्री रविशंकर : आप कह रहें हैं, कि यह आपकी सारी जिंदगी की इच्छा रही है| क्या यह सच में जिंदगी भर की इच्छा है? जब आप बच्चे थे, तब भी क्या आपकी यही इच्छा थी, या जब आप किशोरावस्था में थे?
ज़रा इसे एक बार देखिये| आप जितना प्रयास और समय इसमें लगा रहें हैं, क्या यह इच्छा उसके लायक है? या फिर क्या आपका जीवन किसी और तरह से ज्यादा लाभदायक हो सकता है? ये कुछ बातें हैं, जिनपर आप गौर करें| जैसे जैसे आपकी ऊर्जा बढ़ती है, (इच्छाओं को) त्यागते जाईये, और आप पाएंगे, कि इच्छाएं स्वयं ही आती हैं| आप जितना उनसे चिपकेंगे, जितना उन्हें पकड़ेंगे और उनके पूरा होने की कामना करेंगे, उतना ही अधिक समय वे लेंगी| यह तथ्य है|
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